इतिहास History


1.प्रागैतिहासिक काल

( Prehistoric Period )

2.आद्य ऐतिहासिक काल

Protohistoric Period )

3.ऐतिहासिक काल

( Historical Period )


1.प्रागैतिहासिक काल
( Prehistoric Period )

पुरा पाषाण काल

Paleolithic Period

मध्य पाषाण काल

Mesolithic Period

नव पाषाण काल

Neolithic Period

ताम्र पाषाण काल

Chalcolithic Period

Important........

 अतीत का अध्ययन इतिहास कहलाता है

 इतिहास के जनक हेरोडोटस को कहते हैं

 मानव जाति का पालन अफ्रीका महादेश को कहते हैं

 जबकि सभ्यता का पालना एशिया महादेश को कहते हैं


 इतिहास को तीन खंडों में बांटते हैं -

प्रागैतिहासिक काल ( Prehistoric Period )

आद्य ऐतिहासिक काल ( Protohistoric Period )

ऐतिहासिक काल ( Historical Period )


1. प्रागैतिहासिक काल ( Prehistoric Period History )

इतिहास का वह समय जिसमें मानव लिखना पढ़ना नहीं जानता था इसकी जानकारी केवल पुरातात्विक साक्ष्य से मिली है इसके अंतर्गत पाषाण काल को रखते हैं|


पाषाण काल ( stone Age )

 वह समय जब मानव पत्थर के औजार एवं हथियार को उपयोग करता था पाषाण काल कहलाता है|

 भारत में सर्वप्रथम 1863 ई. में रॉबर्ट ब्रूस फुट ने पाषाण कालीन सभ्यता की खोज की|

 भारतीय पुरातत्व का पिता सर अलेक्जेंडर कनिंघम है

 भारत का पुरातात्विक संग्रहालय इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय है जो संस्कृति मंत्रालय के अधीन है

 मिलने वाले धातु के आधार पर नामकरण क्रिश्चियन थॉमस ने किया

 लिखावट के आधार पर नामकरण जॉन ब्रूस ने किया


 पाषाण काल को चार भागों में बांटा गया है -

1. पुरापाषाण काल ( Palaeolithic Period ) ( 20 लाख ई. पू. से 12000 ई.पू. तक )

यह इतिहास का सबसे प्रारंभिक समय था इस समय के मानव को आदिमानव कहा जाता है इस समय का मानव खाद्य संग्राहक अर्थात उसके जीवन का मुख्य उद्देश्य जानवर की भांति ही अपना पेट भरना था इस समय के मानव की सबसे बड़ी उपलब्धि आग की खोज है


 इस समय मानव पत्थर के बड़े-बड़े औजारों का इस्तेमाल शिकार करने के लिए करते हैं इसी समय मानव ने चित्रकारी करना प्रारंभ किया

 भीमबेटका की गुफाओं में पुरापाषाण काल के चित्र देखने को मिलते हैं जो मध्य प्रदेश के अब्दुल्लागंज में स्थित है

2. मध्य पाषाण ( Mesolithic Period ) ( 12000 ई.पू. से 10,000 ई.पू. तक )

 इस काल के बारे में सर्वप्रथम जानकारी कर करसाइल ने 1867 ई. में दिया

 यह पुरापाषाण के बाद का काल था इस समय मानव के हथियार छोटे आकार के थे इसलिए इन्हें माइक्रोलिथ कहते हैं इस समय के मानव की सबसे प्रमुख कार्य अंतिम संस्कार कार्यक्रम था

 इसी काल में मानव के अस्तिपंजर का सबसे पहला अवशेष प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश के सराय नाहर तथा महदहा नामक स्थान से प्राप्त हुआ

3. नव या उत्तर पाषाण काल ( Neolithic Period ) ( 10000 ई.पू. से 3000 ई.पू. तक )

 इस काल के बारे में सर्वप्रथम जानकारी सर जॉन लुबाक ने 1865 ई. में प्रस्तुत किया

 किस काल में मानव ने स्थाई आवास बना लिया था साथ ही कृषि तथा पशु पालन भी प्रारंभ कर दिया मानव ने इस काल में पहिया तथा घड़ा की खोज की

 कर्नाटक के मैसूर के पास संगन कल्लू नामक नवपाषाण कालीन पूरास्थल से राख के टीले प्राप्त हुए हैं

 पशुपालन का साक्ष्य भारत में आदमगढ़ मध्य प्रदेश तथा बागोर राजस्थान से प्राप्त हुए हैं


NOTE :-

(1) मेहरगढ़ :- यह पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है यहां से सर्वप्रथम 7000 ई.पू. सुलेमान और कीर्थर पहाड़ियों के बीच कृषि के साक्ष्य जौ एवं गेहूं मिली थी


(2) बुर्जहोम :- यह कश्मीर में अवस्थित है यहां ग्रतावास का प्रमाण मिला है यहां से मालिक के साथ कुत्ते को दफनाने का साक्ष्य मिला है


(3) गुफकराल :- यहां से मृदभांड का पहला प्रमाण प्राप्त हुआ


(4) कोलडिहवा :- यह उत्तर प्रदेश के बेलनघाटी में स्थित है यहां पर चावल का प्राचीनतम साक्ष्य 6000 ई.पू. मिला है


(5) चिरांद :- यह बिहार के सारण जिले में स्थित है यहां से प्रचुर मात्रा में हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए


(6) लेहूरादेह :- यहां से नवीनतम सबसे प्राचीन चावल का साक्ष्य 9000 ई.पू. से 7000 ई.पू. के बीच प्राप्त हुआ


(7) दमदमा :- यहां एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल मिले हैं


 मानव द्वारा पाला गया पहला पशु कुत्ता था

4. ताम्रपाषाण काल (Chalcolithic Period)

यह पाषाण काल का अंतिम समय था इस समय तांबे की खोज हुई थी जिस कारण औद्योगिकरण शुरू हो गया इसी औद्योगिकरण का विकसित रूप सिंधु सभ्यता में देखने को मिलता है


 नवदाटोली मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण ताम्रपाषाणिक पुरास्थल है जिसकी उत्खनन H.D. संकालिया ने कराया था

 मानव द्वारा खोजी गई पहली धातु तांबा थी ।

Note..

मुझे आशा है आप लोगों को यह जानकारी पसंद आई होगी और जानकारी के लिए आप हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें,

👇👇👇👇👇

https://youtube.com/shorts/-eGKDI-jeig?feature=share




इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक(national emblem of india)

बिहारी रत्नाकर।। संपादक ।जगन्नाथदास रत्नाकर।। पद संख्या 1 से 50 तक।।For।UPSC and all exam।। akraajeducation।।

उत्तर प्रदेश के राजकीय प्रतीक (State Emblem of Uttar Pradesh)